हिमाद्रि तुंग श्रृंगिनी
त्रिरंग-रंग रंगिनी
नमामि मातु भारती
सहस्त्र दीप आरती !
समुद्र पाद पल्लवे
विराट-विश्व वल्लभे
प्रबुद्ध बुद्ध की धरा
प्रणम्य है वसुंधरा !
स्वराज्य स्वावलम्बिनी
सदैव सत्य-संगिनी
अजेय, श्रेय-मंडिता
समाज-शास्त्र पंडिता !
अशोक चक्र-संयुते
समुज्जवले, समुन्नते
मनोज्ञ मुक्ति-मंत्रिणी
विशाल लोक-तंत्रिणी !
अपार शस्य-सम्पदे
अजस्त्र श्री पदे-पदे
शुभंकरे प्रियम्वदे
दया-क्षमा वंशवदे !
मनस्विनी तपस्विनी
रणस्थली यशस्विनी
कराल काल-कालिका
प्रचंड मुंड-मालिका !
अमोघ शक्ति-धारिणी
कराल कष्ट-वारिणी
अदैन्य मंत्र दायिका
नमामि राष्ट्र नायिका !
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